बिलासपुर। देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी अपने परवान पर है। नौतपा के दौरान छत्तीसगढ़ के कई शहरों का तापमान 45 डिग्री से ऊपर है।बिलासपुर में भी तापमान 46 डिग्री के पार पहुंचा और इतनी भीषण गर्मी में लोगों की हालत खराब होती नजर आ रही है। इस भीषण गर्मी का क्या कुछ असर पड़ने वाला है।
गर्मी में लोगों की हालत खराब
पूरे छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ती जा रही गर्मी प्रदेश वासियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. बिलासपुर में भी सूरज की तपिश दिनों दिन बढ़ती जा रही है। बिलासपुर में तापमान लगातार 46 डिग्री सेल्सियस से उपर दर्ज किया जा रहा है। बीते 5 वर्षों का यह अधिकतम तापमान है।इतने तापमान में गर्मी से शहरवासियों की हालत खराब है और मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों में तापमान से कोई राहत नहीं मिलनी वाली है। और शहर का अधिकतम तापमान 46 डिग्री तक बना रहेगा।
भीषण गर्मी में नवजात शिशुओं को सबसे ज्यादा खतरा
बिलासपुर में नौतपा के बीच अब भीषण गर्मी में दोपहर से लेकर शाम तक गर्म हवाएं चल रही है। इससे लोग हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं। स्थिति यह है कि सिम्स और जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ पहुंचने लगी हैं। सिम्स में बीते दो दिन से 15 से 20 मरीज और जिला अस्पताल में औसत पांच से 10 मरीज पहुंच रहे हैं। इसी तरह सभी स्वास्थ्य केंद्रों में औसत 4 से 5 मरीज शरीर में पानी कम होने की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं. सबसे ज्यादा खतरा नवजात शिशुओं को है। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों ने पैरेंट्स को मासूम बच्चों का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी है।
गर्मी में लोगों के अलावा वन्य जीव जंतु भी परेशान
भीषण गर्मी से लोग ही नहीं बल्कि वन्य जीव भी परेशान है। जंगली जानवरों के जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है। हाल में बिलासपुर संभाग के के कोरबा जिले में एक तेंदुआ हीट स्ट्रोक का शिकार हुआ। जिसे रेस्क्यू करके बिलासपुर के कानन पेंडारी जू लाया गया और वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।भीषण गर्मी के कारण जंगली क्षेत्र के पानी के स्रोत सूखने लगे हैं. जिसके कारण वन्य प्राणियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार भीषण गर्मी और गर्म हवाओं के थपेड़ों से वन जीव जंतु भी बीमार पड़ने लगे हैं।
मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ की माने तो, भीषण गर्मी के कारण शांत प्रवृत्ति के लोग भी हो जाते आक्रामक
गर्मी लोगों को केवल शारीरिक नहीं मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है। गर्मी के कारण लोगों की मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है। मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ की माने तो भीषण गर्मी के कारण शांत प्रवृत्ति के लोग भी आक्रामक हो जाते हैं। ऐसे में गर्मी की वजह से छुटपुट विवादों की घटनाएं, मारपीट जैसे मामले अक्सर देखने को मिलते हैं। आसान शब्दों में कहें तो लोग गर्मी की वजह से चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं और इसका सीधा प्रभाव सामाजिक तौर पर देखने को मिलता है।
गर्मी से बचे, शरीर को रखें ठंड
भीषण गर्मी की वजह से आम लोगों के जीवन के साथ-साथ वन्य जीवन भी अस्त-व्यस्त होता नजर आ रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि गर्मी से बचाव के हर संभव प्रयास किए जाएं। लोगों को जागरूक होने की भी आवश्यकता है। जहां तक हो सके गर्मी से बचने का प्रयास करे और शरीर के साथ में को भी ठंडा रखें। तभी इस भीषण गर्मी से बचाव संभव है।