Saturday, November 15, 2025
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25 हाथियों का झुंड शहर की ओर, ग्रामीणों में मचा हड़कंप, घरों से भागे लोग, स्कूल में ली शरण, फसलों की हानि, वन विभाग और पुलिस अलर्ट पर…

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से सरगुजा वन परिक्षेत्र में प्रवेश करने के बाद 25 हाथियों का दल सोमवार को अंबिकापुर मुख्यालय से लगे महामाया पहाड़ तक पहुंच गया। हाथियों के मुख्यालय के नजदीक पहुंचते ही बधियाचुआं और आसपास के ग्रामीणों में भारी हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षा की तलाश में सड़क और स्कूलों में शरण लेने को मजबूर हो गए।

हाथियों के डर से बधियाचुआं के ग्रामीणों ने ओपीएस स्कूल के पास सड़क में शरण ली है। बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी स्कूल के आस-पास जमा हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने घर छोड़ते समय न तो खाना बनाया और न ही खाया।

वन विभाग और पुलिस की टीम को घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर भेजा गया। हाथियों को शहर और ग्रामीण क्षेत्र से दूर खदेड़ने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। वन विभाग ने सर्च लाइट और सायरन का उपयोग कर हाथियों को नियंत्रित करने की कोशिश की, ताकि उन्हें सुरक्षित मार्ग पर ले जाया जा सके।

सूरजपुर से हाथियों का यह दल दो दिन पहले सरगुजा वन क्षेत्र में घुसा था। हाथी करदोनी और रामनगर क्षेत्र में विचरण कर रहे थे। सोमवार को वनविभाग की टीम ने शहर और आवासीय क्षेत्रों में प्रवेश से रोकने के प्रयास किए। इसके बावजूद हाथियों का दल रामनगर से खैरबार बस्ती होते हुए महामाया पहाड़ और बधियाचुआं तक पहुंच गया। दल में एक बच्चा हाथी भी शामिल है, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई है।

हाथियों के आने से फसल नुकसान भी हुआ है। वनविभाग ने लोगों को लगातार हाथियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है और भरोसा दिलाया है कि फसल को हुए नुकसान का मुआवजा समय पर दिया जाएगा।

हाथियों को चेंद्रा की ओर खदेड़ने की योजना बनाई गई है, जो उनका पारंपरिक विचरण मार्ग भी है। वन अधिकारियों का कहना है कि हाथियों के दल के पुराने रूट का पालन करने की संभावना है और इसके अनुसार ही उन्हें नियंत्रित किया जा रहा है।

इससे पहले भी हाथियों का दल अंबिकापुर शहर में प्रवेश कर चुका है, जिससे शहरवासियों में डर और चिंता का माहौल रहा। वनविभाग और पुलिस की संयुक्त टीम लगातार स्थिति पर नजर रख रही है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।

ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे हाथियों के दल के नजदीक न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें। वनविभाग ने कहा कि स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं।

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सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से सरगुजा वन परिक्षेत्र में प्रवेश करने के बाद 25 हाथियों का दल सोमवार को अंबिकापुर मुख्यालय से लगे महामाया पहाड़ तक पहुंच गया। हाथियों के मुख्यालय के नजदीक पहुंचते ही बधियाचुआं और आसपास के ग्रामीणों में भारी हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षा की तलाश में सड़क और स्कूलों में शरण लेने को मजबूर हो गए। हाथियों के डर से बधियाचुआं के ग्रामीणों ने ओपीएस स्कूल के पास सड़क में शरण ली है। बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी स्कूल के आस-पास जमा हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने घर छोड़ते समय न तो खाना बनाया और न ही खाया। वन विभाग और पुलिस की टीम को घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर भेजा गया। हाथियों को शहर और ग्रामीण क्षेत्र से दूर खदेड़ने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। वन विभाग ने सर्च लाइट और सायरन का उपयोग कर हाथियों को नियंत्रित करने की कोशिश की, ताकि उन्हें सुरक्षित मार्ग पर ले जाया जा सके। सूरजपुर से हाथियों का यह दल दो दिन पहले सरगुजा वन क्षेत्र में घुसा था। हाथी करदोनी और रामनगर क्षेत्र में विचरण कर रहे थे। सोमवार को वनविभाग की टीम ने शहर और आवासीय क्षेत्रों में प्रवेश से रोकने के प्रयास किए। इसके बावजूद हाथियों का दल रामनगर से खैरबार बस्ती होते हुए महामाया पहाड़ और बधियाचुआं तक पहुंच गया। दल में एक बच्चा हाथी भी शामिल है, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई है। हाथियों के आने से फसल नुकसान भी हुआ है। वनविभाग ने लोगों को लगातार हाथियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है और भरोसा दिलाया है कि फसल को हुए नुकसान का मुआवजा समय पर दिया जाएगा। हाथियों को चेंद्रा की ओर खदेड़ने की योजना बनाई गई है, जो उनका पारंपरिक विचरण मार्ग भी है। वन अधिकारियों का कहना है कि हाथियों के दल के पुराने रूट का पालन करने की संभावना है और इसके अनुसार ही उन्हें नियंत्रित किया जा रहा है। इससे पहले भी हाथियों का दल अंबिकापुर शहर में प्रवेश कर चुका है, जिससे शहरवासियों में डर और चिंता का माहौल रहा। वनविभाग और पुलिस की संयुक्त टीम लगातार स्थिति पर नजर रख रही है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे हाथियों के दल के नजदीक न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें। वनविभाग ने कहा कि स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं।