बिलासपुर। बिलासपुर जिले में बिजली उपभोक्ता इन दिनों बेहाल हैं। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद से बिजली बिलों में अचानक कई गुना बढ़ोतरी ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की नींद उड़ा दी है। जहां पहले उपभोक्ताओं को महज 50 से 100 रुपये तक का बिल चुकाना पड़ता था, वहीं अब वही बिल 10 हजार से 25 हजार रुपये तक पहुंच गया है। इस भारी भरकम बोझ ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर डाला है। घर चलाना मुश्किल हो गया है—बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जा रही है, और खाने-पीने तक के खर्च निकालना चुनौती बन गया है।

मल्हार नगर पंचायत क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों और बड़ी संख्या में महिलाओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही बिजली बिलों में सुधार और राहत नहीं दी गई, तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे। ग्रामीणों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से ही बिलों में गड़बड़ियां लगातार बढ़ रही हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद समस्या का हल नहीं निकाला गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि बिजली विभाग शिकायतें सुनने के बजाय टालमटोल करता है और उपभोक्ताओं की पीड़ा को गंभीरता से नहीं ले रहा है।

प्रदर्शन कर रहे उपभोक्ताओं में से कई ने बताया कि उनके घर में मुश्किल से दो बल्ब और एक पंखा चलता है, लेकिन फिर भी हजारों रुपये का बिल थमा दिया गया है। कुछ उपभोक्ताओं ने कहा कि यदि वाकई मीटर सही काम कर रहा है तो बिजली विभाग को उपभोक्ताओं को पारदर्शी तरीके से खपत का हिसाब देना चाहिए।

इस पूरे मामले पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल असामान्य रूप से बढ़े हैं, उनकी जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कई मामलों में पुराने बकाया बिल भी नए बिलों में जोड़ दिए गए हैं, जिससे कुल राशि ज्यादा दिख रही है। कलेक्टर ने भरोसा दिलाया कि सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और वास्तविक उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
ग्रामीणों की पीड़ा और बढ़ते विरोध ने प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि जांच के बाद उपभोक्ताओं को राहत कितनी जल्दी और किस हद तक मिलती है। फिलहाल, ग्रामीणों की नाराजगी और आत्मदाह की चेतावनी से हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।
