Saturday, November 15, 2025
Homeअपराधकानून के रखवाले बन गए कानून के भक्षक! महिला ने आरक्षक पर...

कानून के रखवाले बन गए कानून के भक्षक! महिला ने आरक्षक पर लगाया अवैध वसूली और झूठे केस में फंसाने का गंभीर आरोप! शपथ पत्र के साथ की शिकायत, SSP ने लिया एक्शन, आरक्षक निलंबित….

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले के तखतपुर थाने में तैनात आरक्षक आकाश निषाद (क्रमांक 1287) पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि आरक्षक ने उनके घर जबरन घुसकर अवैध वसूली की और पैसे देने से इनकार करने पर उनके पति को झूठे शराब तस्करी के मामले में फंसाया। इस संबंध में महिला ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत के साथ शपथ पत्र भी सौंपा है।

शिकायत में बताया गया कि 2 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे, आरक्षक आकाश निषाद अपने एक साथी के साथ महिला के घर जबरन घुस गया और वहां वीडियो बनाने लगा। महिला ने बताया कि आरक्षक ने धमकाते हुए कहा कि वे शराब बेचते हैं और यदि पैसे नहीं दिए गए तो झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। डर के मारे महिला और उनके पति ने पहले 20 हजार रुपए दिए, लेकिन आरक्षक ने इसके बाद फिर 10 हजार रुपए की मांग की। इस दौरान उसने धमकी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो उन्हें ‘मुर्गा बनाने’ और घर में ही खाने की धमकी दी जाएगी।

महिला ने आगे बताया कि अगले दिन उसके पति को शराब भट्ठी से शराब लाते हुए पकड़ा गया और उन पर धारा 34(2) के तहत झूठा शराब तस्करी का केस दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। महिला का कहना है कि वे गरीब हैं और लगातार इस तरह की उगाही और धमकियों से उनका परिवार मानसिक दबाव में है।

शिकायत में यह भी सवाल उठाया गया कि आरक्षक ने बिना महिला पुलिस बल और सक्षम अधिकारी की अनुमति के घर में घुसकर नियमों की धज्जियां उड़ाई। जब आरक्षक घर में घुसा, तब महिला की सास पूरे कपड़े नहीं पहने हुए थीं, जिससे उन्हें छिपना पड़ा। महिला ने पूछा कि क्या कानून के रखवाले खुद नियमों का उल्लंघन कर आम जनता को डर और ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

आरक्षक आकाश निषाद का तखतपुर क्षेत्र में विवादित इतिहास भी रहा है। पिछले ढाई साल से इसी थाने में तैनात आकाश निषाद पर पहले भी अवैध वसूली के आरोप लग चुके हैं। उसके ऊपर ग्रामीणों के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। परसाकापा बराही में एक बार ग्रामीणों ने अवैध वसूली के आरोप में उसे पीट दिया था, जिसमें वह घायल भी हुआ। उस मामले में उल्टे ग्रामीणों के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर एसएसपी ने तत्काल आरक्षक को निलंबित कर दिया है। इस घटना ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यदि कानून के रखवाले ही कानून का उल्लंघन करके आम जनता को ब्लैकमेलिंग करते हैं? तो उन पर कौन कार्रवाई करेगा? साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि पुख्ता प्रमाण और विभागीय जांच के बावजूद अक्सर दोषी पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट क्यों मिल जाती है?

इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आम जनता में पुलिस और कानून के प्रति विश्वास कम होता जा रहा है। अगर नियमों का पालन खुद कानून लागू करने वाले न करें, तो आम लोग कानून के डर और न्याय की उम्मीद के बीच फंसे रह जाते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Posts

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले के तखतपुर थाने में तैनात आरक्षक आकाश निषाद (क्रमांक 1287) पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि आरक्षक ने उनके घर जबरन घुसकर अवैध वसूली की और पैसे देने से इनकार करने पर उनके पति को झूठे शराब तस्करी के मामले में फंसाया। इस संबंध में महिला ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत के साथ शपथ पत्र भी सौंपा है। शिकायत में बताया गया कि 2 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे, आरक्षक आकाश निषाद अपने एक साथी के साथ महिला के घर जबरन घुस गया और वहां वीडियो बनाने लगा। महिला ने बताया कि आरक्षक ने धमकाते हुए कहा कि वे शराब बेचते हैं और यदि पैसे नहीं दिए गए तो झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। डर के मारे महिला और उनके पति ने पहले 20 हजार रुपए दिए, लेकिन आरक्षक ने इसके बाद फिर 10 हजार रुपए की मांग की। इस दौरान उसने धमकी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो उन्हें 'मुर्गा बनाने' और घर में ही खाने की धमकी दी जाएगी। महिला ने आगे बताया कि अगले दिन उसके पति को शराब भट्ठी से शराब लाते हुए पकड़ा गया और उन पर धारा 34(2) के तहत झूठा शराब तस्करी का केस दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। महिला का कहना है कि वे गरीब हैं और लगातार इस तरह की उगाही और धमकियों से उनका परिवार मानसिक दबाव में है। शिकायत में यह भी सवाल उठाया गया कि आरक्षक ने बिना महिला पुलिस बल और सक्षम अधिकारी की अनुमति के घर में घुसकर नियमों की धज्जियां उड़ाई। जब आरक्षक घर में घुसा, तब महिला की सास पूरे कपड़े नहीं पहने हुए थीं, जिससे उन्हें छिपना पड़ा। महिला ने पूछा कि क्या कानून के रखवाले खुद नियमों का उल्लंघन कर आम जनता को डर और ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आरक्षक आकाश निषाद का तखतपुर क्षेत्र में विवादित इतिहास भी रहा है। पिछले ढाई साल से इसी थाने में तैनात आकाश निषाद पर पहले भी अवैध वसूली के आरोप लग चुके हैं। उसके ऊपर ग्रामीणों के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। परसाकापा बराही में एक बार ग्रामीणों ने अवैध वसूली के आरोप में उसे पीट दिया था, जिसमें वह घायल भी हुआ। उस मामले में उल्टे ग्रामीणों के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर एसएसपी ने तत्काल आरक्षक को निलंबित कर दिया है। इस घटना ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यदि कानून के रखवाले ही कानून का उल्लंघन करके आम जनता को ब्लैकमेलिंग करते हैं? तो उन पर कौन कार्रवाई करेगा? साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि पुख्ता प्रमाण और विभागीय जांच के बावजूद अक्सर दोषी पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट क्यों मिल जाती है? इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आम जनता में पुलिस और कानून के प्रति विश्वास कम होता जा रहा है। अगर नियमों का पालन खुद कानून लागू करने वाले न करें, तो आम लोग कानून के डर और न्याय की उम्मीद के बीच फंसे रह जाते हैं।